मुगलकालीन भारत में महिलाओं की दशा मुगलकालीन भारत एवं आज के भारत में बहुत कुछ साम्यता थी। यह पूर्ण सत्य है कि उस समय न तो रेलें थी एवं न ही पक्की सड़के। इसके अतिरिक्त और कोई बहुत बड़ी भिन्नता नहीं थीं। देहात बहुत अधिक थे एवं वन उस समय के बहुत घने थे। उस समय के समृद्ध नगरों में आगरा, फतेहपुर सीकरी, दिल्ली, इलाहाबाद, मुल्तान, लाहौर अहमदाबाद, बनारस, ढाका और अजमेर इत्यादि थे तथा उस समय कलकत्ता, बम्बई, मद्रास जैसे नवीन नगर नहीं थे। मुस्लिम समाज- मुसलमान दो प्रकार के थे। एक वे जो अरब, फारस एवं अन्य देशों से नौकरी तथा व्यापार के लिए भारत आये थे। दूसरे प्रकार के वे मुसलमान थे, जो पहले तो हिन्दू थे लेकिन बाद में सल्तनत एवं मुगलकालीन शासकों द्वारा मुस्लिम बना लिये गये थे। यह मुस्लिम समाज मुख्यतः तीन वर्ग में विभाजित किया जाता सकता है- शासक वर्ग, अभिजात वर्ग एवं जन साधारण वर्ग । वहीं दूसरी ओर कुछ मुस्लिम विद्वान उमरा वर्ग, उलेमा वर्ग एवं जनसाधारण वर्ग में विभक्त करते हैं। यदि हम सूक्ष्म अध्ययन करें, तो हम मुगलकालीन मुस्लिम समाज को पाँच भागों में विभाजित किया जा सकता है- शासक वर्ग, उलेमा वर्ग, मध्
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